देश की नीतियां ऐसी बनाई जा रही हैं कि जरूर सामने आता रहा है। देश के रक्षा ने जानकारी दी है कि इजरायली स्पाईवेयर नागरिक डिजिटल तकनीक का उपयोग संस्थानों की हनीट्रैप के जरिये जासूसी %पेगासस% की मार्फत चार महाद्वीपों में करने के लिए बाध्य हों या फिर स्वेच्छा से करने के भी कई मामले सामने आ चुके करीब 1400 लोगों के मोबाइल फोन में करें। दूसरी तरफ सोशल साइट ऐसे हैं। हैकर्स द्वारा निरंतर की जा रही इस सेंघ लगाई गई है। पेगासस स्पाईवेयर ठिकाने हैं, जिन्हें व्यक्ति निजी जिज्ञासापूर्ति सेंधमारी के ताजा खुलासे हैरानी में डालने इजराइल की सर्विलांस फर्म एनएसओ ने के लिए उपयोग करता है। केंद्र व राज्य वाले हैं। इजरायली प्रौद्योगिकी से तैयार किया है। यह निजता का बड़ा सरकारों की अनेक ऐसी कल्याणकारी वॉट्सएप में सेंध लगाकर 1400 भारतीय उल्लंघन है। पेगासस नाम का यह वायरस योजनाएं हैं, जो सीधे उपभोक्ता के बैंक सामाजिक कार्यकताओं व पत्रकारों की इतना ताकतवर है कि लक्षित व्यक्ति के खाते में धन पहुंचाती हैं। नोटबंदी और बातचीत के डेटा हैक कर जासूसी की मोबाइल में मिस्ड कॉल के जरिये प्रवेश जीएसटी इसी मकसद से अमल में लाए गई। साथ ही देश के 13 लाख क्रेडिट- कर जाता है। इसके बाद यह मोबाइल में गए थे कि सरकारी, व्यावसायिक और डेबिट कार्ड का डेटा लीककर हैकर्स मौजूद सभी डिवाइसों को सीज कर देता निजी लेन-देन में अधिकतम पारदर्शिता ऑनलाइन बेच रहे हैं। इन डिजिटल लुटेरों है। जिन हाथों के नियंत्रण में यह वायरस आए और देश भ्रष्ट व्यवस्था से मुक्त हो। से निपटना आसान नहीं है। है, उनके मोबाइल स्क्रीन पर लक्षित इन लक्ष्यों को हम कितना हासिल कर पाए दुनियाभर में डेढ़ करोड़ उपभोक्ताओं वाले व्यक्ति की सभी जानकरियां हस्तांरित होने हैं, यह तो फिलहाल साफ नहीं हैवॉट्सएप में सेंध लगाकर पत्रकारों, लगती हैं। लक्षित व्यक्ति की कोई भी लेकिन, इन प्लेटफार्मों के जरिये विपक्षी नेताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं जानकारी गोपनीय नहीं रह जाती। इसी खाताधारकों का धन उड़ाने और की जासूसी मामले ने इन आधुनिक साल मई में वॉट्सएप वीडियो कॉलिंग जरूरतमंदों की लड़ाई लड़ने वाले उपकरणों को कठघरे में खड़ा कर दिया फीचर के जरिये 1400 लोगों के खातों में कार्यकताओं की जासूसी करने का कुचक्र है। फेसबुक के स्वामित्व वाली वॉट्सएप सेंधमारी की गई है। यह वायरस इतना चालाक है कि निशाना बनाने वाले ट्रैकिंग की गई हैं। इनमें विभिन्न क्षेत्रों से नोटबंदी के बाद यह चलन देशव्यापी हो मोबाइल पर हमले के कोई निशान नहीं जुड़े 18 भारतीय भी शामिल हैं। वैसे गया है। नई पीढ़ी तो डिजिटल पेमेंट को छोड़ता। कम से कम बैटरी, मेमोरी और आईटी कानून के तहत भारत में कार्यरत उपलब्धि मानकर अति उत्साहित है। डेटा की खपत करता है। यह महज एक कोई भी सोशल साइट या साइबर कंपनी एमेजोन व फ्ल्पिकार्ड से तो शत-प्रतिशत सेल्फ-डिस्ट्रक्ट ऑप्शन (विनाशकारी यदि व्यक्ति विशेष या संस्था की कोई खरीद ऑनलाइन ही होती है। कार्यों की विकल्प) के रूप में आता है, जिसे किसी गोपनीय जानकारी जुटाना चाहती है तो आसान उपलब्धता ने साइबर लुटेरों के भी समय इस्तेमाल किया जा सकता है। केंद्र व राज्य सरकार से लिखित अनुमति पौ-बारह कर दिए हैं। साइबर डेटा हालांकि वॉट्सएप ने प्रभावित लेना आवश्यक है। ये नियम इसलिए एनालिसिस करने वाली संस्था गुप्र उपभोक्ताओं को संदेश देकर खबरदार बनाए गए हैं, जिससे व्यक्ति की निजता आईबी का दावा है कि हैकर्स की कर दिया है। साथ ही वॉट्सएप ने का हनन न हो। लेकिन सरकारें वेबसाइट जोकर स्टैश पर ही 13 लाख अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित राजनीतिक लाभ के लिए विपक्षी नेताओं बैंक कार्डों की दुकान सजी है। प्रति कार्ड संघीय न्यायालय में एनएसओ समूह के या अन्य किस्म के विरोधियों की जासूसी करीब 100 डॉलर यानी 7000 रुपये में विरुद्ध मुकदमा भी दायर कर दिया है। इस गैर कानूनी ढंग से ही कराती हैं। भारत में बेचा जा रहा है। इस संबंध में आशंका यह एफआईआर में वॉट्सएप ने कहा है कि संचार उपकरण से जुड़ा, पहला बड़ा भी है कि इन हैकरों ने क्रेडिट-डेबिट 1400 फोन में स्पाईवेयर पेगासस डालकर मामला पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की कार्यों के अलावा एटीएम डेटा भी चराए उपभोक्ताओं की महत्वपूर्ण जानकारी जासूसी से जुड़ा है।
उस फोन टैपिंग के हैं। शायद इसीलिए देश में रोजाना करीब चुराई गई हैं। हालांकि वॉट्सएप ने समय राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे। इसी एक हजार लोगों के खातों से बार-बार कुटिलता बरतते हुए प्रभावितों की संख्या तरह पूर्व वित्त मंत्री (बाद में राष्ट्रपति पैसा निकल जाता है। खाताधारक को यह सही नहीं बताई है। यह जानकारी तब बनाये गए थे) प्रणव मुखर्जी के सरकारी जानकारी मोबाइल पर आने वाले संदेश से चुराई गई जब भारत में अप्रैल-मई-2019 दफ्तर में भी जासूसी यंत्र %बग% मिलने मिलती है। ऐसे मामलों में धन की वापसी में लोकसभा के चुनाव चल रहे थे। की घटना सामने आई थी। उस समय डॉ. लगभग शून्य है। इसलिए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। साफ है, इन रहस्यों के उजागर होने से इलेक्ट्रोनिक सुरजेवाला ने यह आशंका भी जताई है कि सरकार चाहे तो इस एजेंसी का उपयोग प्रौद्योगिकी के प्रयोग को लेकर ग्राहकों के इस स्पाईवेयर के जरिये विपक्षी नेताओं अपने प्रतिद्धियों की जासूसी के लिए कर मन में संदेह स्वाभाविक है। लिहाजा और केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्षरत सकती है।
सरकार को अपनी जवाबदेही स्पष्ट करने लोगों की अपराधियों की तरह जासूसी इस जासूसी के साथ ही करीब 12-13 की जरूरत है। क्योंकि, सरकार ने लोककराई गई। दरअसल इस शंका को बल लाख डेबिट-क्रेडिट कार्ड की जानकारी कल्याणकारी योजनाओं को तो आधार से इसलिए मिला, क्योंकि वॉट्सएप ने जिन लीक होने का भी खुलासा हुआ है। इनके जोड़ ही दिया है, अब अचल संपत्ति को लोगों को संदेश भेजकर हमले की सूचना विवरण ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं। साइबर भी जोड़ने जा रही है। इस जासूसी मामले दी, वे भीमा कोरेगांव के मामले से भी जुड़े विशेषज्ञ पवन दुग्गल का कहना है कि यह में सरकार व सेना के लोग भी पीड़ितों के हैं। इसीलिए सर्वोच्च न्यायालय के मशहूर इस साल की सबसे बड़ी हैकिंग है। कार्डो रूप में सामने आए हैं। इससे इस आशंका वकील प्रशांत भूषण इस मामले को की यह बिक्री उन करोड़ों लोगों के लिए का उठना लाजिमी है कि यह जासूसी देश जनहित याचिका के जरिए न्यायालय ले चिंता का कारण है, जो अपने पैसे का की सुरक्षा के लिए भी खतरा बनती जा जाने की तैयारी में जुट गए हैं। इस लेन-देन इलेक्ट्रोनिक कार्यों से करते हैं। रही है। अनहोनी जासूसी का शोर नहीं थमने पर केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने DIGITAL INDIA वॉट्सएप के भारत में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों को तलब भी किया, लेकिन उन्होंने क्या जासूसी हई, इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी। इतना जरूर कहा कि फोन कॉल्स और अन्य सूचनाएं